भारत को दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता के रूप में जाना जाता है और अब इस महामारी की स्थिति में, भारत को आगामी हफ्तों में अपना पहला वैक्सीन तैयार करने की उम्मीद है।

सूत्र के मुताबिक, कुछ उम्मीदवार ऐसे हैं जिन पर डॉक्टर और वैज्ञानिक टीके का परीक्षण कर रहे हैं।

पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और हैदराबाद स्थित फार्मास्युटिकल ने भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल को वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग के लिए आवेदन किया है।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की समिति सीरम और भारत बायोटेक से सुरक्षा और आवश्यक डेटा की देखभाल कर रही है।


वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की तलाश के लिए अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर की भारतीय शाखा ने भी आवेदन किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने संकेत दिया था कि हम परीक्षणों से प्राप्त आंकड़ों की समीक्षा करने के बाद आपात स्थिति में वैक्सीन के उपयोग की अनुमति प्राप्त कर सकेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, राजेश भूषण ने कहा था कि लगभग आठ टीके भारत में विभिन्न चरणों में हैं।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पुष्टि की कि वे कुछ हफ्तों में टीकाकरण शुरू कर देंगे और उन्होंने यह भी कहा कि हर देश सस्ता और सुरक्षित टीका चाहता है और जिसके कारण पूरी दुनिया भारत पर नज़र रख रही है।
भारत दुनिया भर में बेचे जाने वाले सभी टीकों का 55% से अधिक उत्पादन करता है।

डॉक्टरों के अनुसार बच्चों के लिए वर्तमान टीके फिट नहीं हैं और दवा कंपनियों को बच्चों के लिए अलग से परीक्षण शुरू करना होगा।
अब डॉक्टर, वैज्ञानिक और दवा कंपनियां बच्चों के लिए परीक्षण शुरू करेंगी।